पृथ्वीराज रासो

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११६५ से ११९२ के बीच जब पृथ्वीराज चौहान का राज्य अजमेर से दिल्ली तक फैला हुआ था, उसके राज कवि चंद बरदाई ने पृथ्वीराज रासो की रचना की। यह हिन्दी का प्रथम महाकाव्य माना जा सकता है। इस महाकाव्य में पृथ्वीराज चौहान के जीवन और चरित्र का वर्णन किया गया है। चंद बरदाई पृथ्वीराज के बचपन के मित्र थे और उनकी युद्ध यात्राओं के समय वीर रस की कविताओं से सेना को प्रोत्साहित भी करते थे।

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