नव्य-न्याय

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नव्य-न्याय न्याय दर्शन परम्परा की एक शाखा है।

इसके प्रणेता मिथिला के १३वी शती के गंगेश उपाध्याय थे जिन्होंने वाचस्पति मिश्र (९००-९८०) की विचारधारा को बढाया।

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