राजेन्द्र केशवलाल शाह

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राजेन्द्र केशवलाल शाह (जन्म: २८ जनवरी १९१३, कपाड़वनज, गुजरात, भारत) एक कवि हैं। उन्होंने गुजराती में २० से अधिक काव्य और गीतों के संकलन रचे हैं, ज़्यादातर प्रकृति की सुंदरता और जनजाति और मछुआरों की रोज़मर्रा की ज़िन्दगी के विषयों पर। संस्कृत छंदों में रची उनकी कविताओं पर रविन्द्रनाथ टगोर की कृतियों का गहरा असर रहा है।

उनके अनेक पेशों में उन्होंने बम्बई में प्रिंटिंग प्रेस भी चलाया है, जहाँ से उन्होंने कविलोक नाम की कविता पत्रिका छापी। हर रविवार सुबह उनके प्रेस में कवि आया करते थे, जो अपने आप में एक अहम प्रथा बन गयी।

काव्यों के अलावा, शाह ने गुजराती में कई अनुवाद भी किए हैं, जिनमें से कुछ हैं: टगोर का कविता संकलन बलाक, जयदेव का गीत-गोविंद, अंग्रेज़ी कवि कोलरिज, और इटली के दाँते की प्रसिद्ध कृतियाँ।

राजेन्द्र केशवलाल शाह को वर्ष २००१ के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। निर्णायकों का कहना था, "इनके जज़बातों की तीव्रता, और इनके काव्यों के रूप और अभिव्यक्ति में नयापन इन्हें एक ख़ास और मह्त्वपूर्ण कवि बतलाता है। इनकी कविता की आद्यात्मिकता कबीर और नरसिंह मेहता जैसे मध्यकालीन महान कवियों की परम्परा में है।"

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