नाभिक

विकिपीडिया, एक मुक्त ज्ञानकोष से

नाभिक परमाणु के मध्य स्थित धनात्मक वैद्युत आवेश युक्त अत्यन्त ठोस क्षेत्र होता है। नाभिक नाभिकीय कणों (प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन) से बना होता है। नाभिक का व्यास (10-15 मीटर)(हाइड्रोजन-नाभिक) से (10-14 मीटर)(युरेनियम) के दायरे में होता है। परमाणु का लगभग सारा द्रव्यमान नाभिक के कारण ही होता है, इलेक्ट्रान का योगदान लगभग नगण्य होता है। नाभिक की आधुनिक अवधारणा सबसे पहले रदरफोर्ड ने सन १९१२ में प्रतिपादित की।