अमरकांत
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हिन्दी साहित्यकार (१९२५)
व्यक्तिगत जीवन - अमरकान्त का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगारा गाँव में हुआ। बलिया में पढ़ते समय ही उनका सम्पर्क स्वतन्त्रता आंदोलन के सेनानियों से हुआ। सन् १९४२ में वे स्वतन्त्रता-आंदोलन से जुड़ गए।
हिन्दी साहित्य - इनका साहित्य जीवन एक पत्रकार के रूप में हुआ। उन्होंने कई पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन किया। कहानीकार के रूप में अमरकान्त की ख्याति सन् १९५५ में 'डिप्टी कलेक्टरी' कहानी से हुई। उनकी कहानियों में मध्यवर्गीय जीवन का अत्यंत मार्मिक और मनोविज्ञानिक चित्रण मिलता है।
कहानी-संग्रह - जिन्दगी और जोंक , देश के लोग, मौत का नगर , कुहासा
उपन्यास - सूखा पत्ता, काले उजले दिन, सुख जीवी, बीच की दीवार हिन्दी लेखक
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