अष्टछाप

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महाप्रभु श्री वल्लभाचार्य जी एवं उनके पुत्र श्री विट्ठलनाथ जी द्वारा संस्थापित ८ भक्तिकालीन कवि, जिन्होने अपने विभिन्न पद एवं कीर्तनों के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का गुणगान किया ।

अष्टछाप कवि

सूरदास

परमानंद दास

नंद दास

चतुर्भुज दास

कृष्ण दास

कुंभन दास

छीत स्वामी

गोविंद दास