शिल्पविद्या
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शिल्पविद्या
शिल्पं हि परमपूज्यं सर्वदर्शनलक्षणम च सर्व प्रमाणरूपाय साकारतत्त्वमेव।
प्रासाद
स्थापक
विमान
रेख
पीढ
मन्दिर
स्य विभागाः
पुरुष
आयुध
राहा
पादपीठम्
देवमन्दिरम्
बन्धना
ब्रह्मरन्ध्र
आमलकम्
कलशम्
कर्परम्
कण्ठम्
बाडान्तम्
जाङ्घम्
कटि
विषम
गर्भम्
पीठम्
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