दिल्ली विश्वविद्यालय
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दिल्ली विश्विवद्यालय भारत के सबसे प्रमुख शिक्षण संस्थानों में से एक है और अपने उच्च स्तरीय शिक्षण और शोध के लिये देश विदेश के छात्रों को आकृष्ट करता है। इस विश्विवद्यालय की स्थापना १९२२ में एक आवासीय विश्विवद्यालय के तौर पर केन्द्रीय विधायिका द्वारा हुई थी । तब इस विश्वविद्यालय में सिर्फ तीन कालेज/महािवद्यालय : सेंट स्टीफेंस कालेज, हिन्दू कालेज और रामजस कालेज हुआ करते थे और ७५० विद्यार्थियों के साथ इसकी शुरुआत हुई थी। लेकिन आज छात्रों के नामांकन की दृष्टि से यह दुनिया के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में से एक है।
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[संपादित करें] विस्तार से
सर मारिस ग्वायर इस विश्वविद्यालय के पहले उपकुलपति बने। और शुरुआती दौर में ही चोटी के विद्वानों जैसे डाक्टर डी एस कोठारी, टी आर शेषाद्री पी महेश्वरी और एम एल भाटिया इत्यादि इस विश्वविद्यालय में आये । आज इस विश्वविद्यालय के चार परिसर हैं जिनमे दिल्ली विश्वविद्यालय उत्तरी परिसर सबसे प्रमुख है और लगभग ८० कालेज हैं।
[संपादित करें] दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रमुख कालेज
- सेंट स्टीफेंस कालेज
- रामजस कालेज
- हिन्दू कालेज
- हंसराज कालेज
- दौलतराम कालेज
- खालसा कालेज
- मिरांडा हाउस
- वेंकटेश्वर कालेज
- मोतीलाल नेहरू कालेज
- लेडी श्रीराम कालेज
- जीसस ऐंड मेरी कालेज
- करोड़ीमल कालेज[साईट पर जाएं]
- आत्मा राम सनातन धर्म कालेज
- दयाल सिंह कालेज
- जाकिर हुसैन कॉलेज
- श्रीराम कॉलेज ऑफ कामर्स
- इन्द्रप्रस्थ कॉलेज
- Delhi College of Engineering[[1]]
[संपादित करें] परिसर
- दिल्ली विश्वविद्यालय उत्तरी परिसर
- दिल्ली विश्वविद्यालय दक्षिणी परिसर
[संपादित करें] छात्रावास
- ग्वायर हाल
- इंटरनेशनल स्टूडेंटस हाउस
- जुबिली हाल
- मेघदूत हाल
- मानसरोवर छात्रावास
[संपादित करें] यह भी देखें
[संपादित करें] बाहरी कड़ियाँ
दिल्ली विश्वविद्यालय का आधिकारिक जालस्थल
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