मीरा बाई

विकिपीडिया, एक मुक्त ज्ञानकोष से

मीराबाई कृष्ण-भक्ति शाखा की प्रमुख कवयित्री हैं। उनका जन्म 1504 ईस्वी में जोधपुर के ग्राम चौकड़ी में हुआ था। उनके पिता का नाम राणा रत्नसिंह था। उनके पति कुमार भोजराज उदयपुर के महाराणा थे। विवाह के कुछ समय बाद ही उनके पति का देहांत हो गया। पति की मृत्यु के बाद वे संसार की ओर से विरक्त हो गयीं और साधु-संतों की संगति में हरिकीर्तन करते हुए अपना समय व्यतीत करने लगीं। कुछ समय बाद उन्होंने घर का त्याग कर दिया और तीर्थाटन को निकल गईं। वे बहुत दिनों तक वृंदावन में रहीं और फिर द्वारिका चली गईं। जहाँ संवत 1560 ईस्वी में उनका देहांत हुआ।

मीराबाई ने कृष्ण-भक्ति के स्फुट पदों की रचना की है।

[संपादित करें] बाहरी लिंक


हिंदी के प्रमुख साहित्यकार
अमरकांतअरुण कमलअलका सरावगीअशोक चक्रधरअसगर वजाहतआचार्य रामचंद्र शुक्ल | अमृतलाल नागरअज्ञेयअमीर खुसरो | आचार्य चतुरसेन शास्त्रीइलाचंद्र जोशीउदय प्रकाशउपेन्द्रनाथ अश्कडाक्टर कन्हैयालाल नंदन | काका हाथरसी | कमलेश्वरकामतानाथ | कृष्ण चंदरकृष्ण बलदेव वैदकृष्णा सोबतीगिरिराज किशोरगीतांजली श्रीचित्रा मुद्गलचंद बरदाई | जयशंकर प्रसाद | जैनेन्द्रदेवकी नंदन खत्रीदण्डपाणी जयकान्तन | धर्मवीर भारतीनरेन्द्र कोहलीनरोत्तमदासनागार्जुननिर्मल वर्मापं महावीर प्रसाद द्विवेदी | पांडेय बेचन शर्मा उग्रप्रभाकर श्रोत्रियप्रेमचंदफणीश्वर नाथ रेणुबनारसीदासबाबू गुलाबरायभगवती चरण वर्माभारतेंदु हरिश्चंद्रभीष्म साहनीमनोहर श्याम जोशीममता कालियामलिक मोहम्मद जायसीमहादेवी वर्मामहावीर प्रसाद द्विवेदीमीरा बाईमैथिलीशरण गुप्त | मैत्रेयी पुष्पामोहन राकेशमृदुला गर्गयशपालयज्ञदत्त शर्मारघुवीर सहाय | रवीन्द्र कालियारहीम | रांगेय राघवराजेन्द्र सिंह बेदी | राजेन्द्र यादवरामधारी सिंह दिनकररांगेय राघवराही मासूम रज़ाराहुल संकृत्यायनलक्ष्मीकांत वर्माविनोद कुमार शुक्लविष्णु नागरविष्णु प्रभाकर | वीरेन्द्र जैनवृंदावन लाल वर्माशरद जोशीशिवानीश्रीलाल शुक्लशेखर जोशीशैलेश मटियानीसत्येन कुमारसंत कबीरसर्वेश्वर दयाल सक्सेनासुमित्रानंदन पंतसूर्यबालासूरदाससूर्यकांत त्रिपाठी निराला | से.रा.यात्रीहजारी प्रसाद द्विवेदी| हरिशंकर परसाई | हृदयेशज्ञान चतुर्वेदीज्ञानरंजन

चित्र:उदाहरण.jpg

अन्य भाषायें