पारिस्थितिक तंत्र

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किसी स्थान पर पाये जाने वाले किसी जीव का सनुदाय के वातावरण से अन्य जैविक समुदायों से परस्पर सम्बन्ध होता है इस पारस्परिक सम्बन्ध को 'पारिस्थितिकी तन्त्र' कहते हैं । इस शब्द का सर्व्प्रथम टान्सले ने १९३५ में किया था । पारिस्थितिकी तन्त्र दो प्रकार का होता है -

  • प्राकृतिक - जैसे वन, मरुस्थल, तालाब, टुन्ड्रा आदि ।
  • कृत्रिम - मनुष्य द्वारा निर्मित, जैसे बगीचा, फसल, पार्क आदि ।