बिन्दुसार

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बिन्दुसार (राज 298-272 ईपू) मौर्य राजवंश के राजा थे जो चन्द्रगुप्त मौर्य के पुत्र थे। बिन्दुसार को अमित्रघात, सिहसेन् तथा मद्रसार भी कहा गया है। बिन्दुसार महान मौर्य सम्राट अशोक के पिता थे।

[संपादित करें] जीवन

चन्द्रगुप्त मौर्य एवं दुर्धरा के पुत्र बिन्दुसार ने काफी बड़े राज्य का शासन संपदा में प्राप्त किया। उन्होंने दक्षिण भारत की तरफ़ भी राज्य का विस्तार किया । चाणक्य उनके समय में भी प्रधान मन्त्री बनकर रहे।

बिन्दुसार के शासन में तकषिला के लोगों ने दो बार विद्रोह किया । पहली बार विद्रोह बिन्दुसार के बड़े पुत्र सुशीमा के कुप्रशासन के कारण हुआ । दूसरे विद्रोह का कारण अज्ञात है पर उसे बिन्दुसार के पुत्र अशोक ने दबा दिया ।

बिन्दुसार की मृत्यु 272 ईसा पूर्व (कुछ तथ्य [[268 ईसा पूर्व] की तरफ इशारा करते हैं)। बिन्दुसार को 'पिता का पुत्र और पुत्र का पिता' नाम से जाना जाता है क्योंकि वह प्रसिद्ध शासक चन्द्रगुप्त मौर्य के पुत्र एवं महान राजा अशोक के पिता थे।

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