आचार्य रजनीश
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रजनीश चन्द्र मोहन (११ दिसम्बर १९३१ - १९ जनवरी १९९०) भगवान श्री रजनीश और ओशो के नाम से प्रख्यात हैं जो अपने विवादास्पद नये धार्मिक (आध्यात्मिक) आन्दोलन के लिये मशहूर हुए और भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका में रहे। रजनीश ने प्रचलित धर्मों की व्याख्या की तथा प्यार, ध्यान और खुशी को जीवन के प्रमुख मूल्य माना।
ओशो रजनीश (११ दिसम्बर, १९३१ - १९ जनवरी १९९०) का जन्म भारत के मध्य प्रदेश राज्य के जबलपुर शहर में हुआ था। १९६० के दशक में वे आचार्य रजनीश के नाम से, १९७० तथा १९८० के दशक में वे भगवान रजनीश के नाम से तथा बाद में ओशो रजनीश नाम से जाने गये। वे एक आध्यात्मिक नेता थे तथा भारत व विदेशों में जाकर प्रवचन दिये।
[संपादित करें] कार्य
ओशो ने सैकडों पुस्तकें लिखीं, हजारों प्रवचन दिये। उनके प्रवचन पुस्तकों, आडियो कैसेट तथा विडियो कैसेट के रूप में उपलब्ध हैं। अपने क्रान्तिकारी विचारों से उन्होने लाखों अनुयायी और शिष्य बनाये। अत्यधिक कुशल वक्ता होते हुए इनके प्रवचनों की करीब ६०० पुस्तकें हैं। संभोग से समाधि की ओर इनकी सबसे चर्चित और विवादास्पद पुस्तक है। इनके नाम से कई आश्रम चल रहे है।
[संपादित करें] वाह्य सूत्र
- osho.com ओशो डाट् काम् - यहां पर ओशो के हिन्दी प्रवचनों का संग्रह उपलब्ध है।