उदान वात
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[संपादित करें] उदान वायु
यह वायु गले में रहती है। इसी वायु की शक्ति से मनुष्य स्वर निकालता हैं, बोलता है, गीत गाता है और निम्न, मध्यम और उच्च स्वर में बात करता है। उदान वायु यह वायु गले में रहती है। इसी वायु की शक्ति से मनुष्य स्वर निकालता हैं, बोलता है, गीत गाता है और निम्न, मध्यम और उच्च स्वर में बात करता है।
[संपादित करें] सन्दर्भ ग्रन्थ
चिकित्सा चन्द्रोदय