मालवा

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मालवा ज्वालामुखी के उद्गार से बना पश्चिमी भारत का एक अंचल है। मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग तथा राजस्थान के दछिणी-पश्चिमी भाग से गठित यह छेत्र आर्यों के समय से ही एक स्वतंत्र राजनीतिक इकाई रहा है। मालवा का अधिकांश भाग चंबल नदी तथा इसकी शाखाओं द्वारा संचित है, पश्चिमी भाग माही नदी द्वारा संचित है। यद्धपि इसकी राजऩीतिक सीमायें समय समय पर थोड़ी परिवर्तित होती रही तथापि इस छेत्र में अपनी विशिष्ट सभ्यता, संस्कॄति एंव भाषा का विकाश हुआ है। मालवा के अधिकांश भाग का गठन जिस पठार द्वारा हुआ है उसका नाम भी इसी अंचल के नाम से मालवा का पठार है । इसे प्राचीनकाल में मालवा या मालव के नाम से जाना जाता था, वर्तमान में मध्यप्रदेश प्रांत के पश्चिमी भाग में २१#ं७' से २५#ं१' उत्तरी अक्षांस तथा ७३#ं४५' से ७९#ं१४' पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है। समुद्र तल से इसकी औसत ऊँचाई ४९६ मी. है। मालवा का उक्त नाम "मालव' नामक जाति के आधार पर पड़ा इस जाति का उल्लेख सर्वप्रथम ई. पू. चौथी सदी में मिलता है, जब इस जाति की सेना ने सिकंदर से युद्ध में पराजित हुई थी। ये मालव प्रारंभ में पंजाब तथा राजपूताना क्षेत्रों के निवासी थी, लेकिन सिकंदर से पराजित होकर वे अवन्ति व उसके आस- पास के क्षेत्रों में बस गये। उन्होंने आकर (दशार्ण) तथा अवन्ति को अपनी राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बनाया। दशार्ण की राजधानी विदिशा थी तथा अवन्ति की राजधानी उज्जयिनी थी। कालांतर में यही दोनों प्रदेश मिलकर मालवा कहलाये। इस प्रकार एक भौगोलिक घटक के रुप में "मालवा' का नाम लगभग प्रथम ईस्वी सदी में मिलता है।

The Vindhya Range marks the southern boundary of the plateau, and is the source of many rivers of the region.
The Vindhya Range marks the southern boundary of the plateau, and is the source of many rivers of the region.

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देश मालवा गहन गंभीर डग डग रोटी पग पग नीर - अमीर खुसरो

इंदौर(मध्यप्रदेश) की यादे!!

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