१२ राशियों के नामांतर
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- मेषादीनां क्रियतावुरुजुतुमकुलीरलेपाथोना:,संज्ञास्तु जूक्कौर्पिकतौक्षाकोकेरह्रदयरोगान्त्या: ॥ सारावली
- मेष=क्रिय,(अज,विश्व,तुंबुर,आद्य.)
- वृष=तावुरु (उक्ष,गो,गोकुल)
- मिथुन=जुतुम (द्वन्द,नॄयुग्म,यम,युग,तॄतीय)
- कर्क=कुलीर (कर्काटक,कर्कट)
- सिंह=लेय (कण्ठीरव,मॄगेन्द्र)
- कन्या=पाथोन (रमणी,तरणी)
- तुला=जूक (तौली,वणिक,धट)
- [[वॄश्चिक}}=कौर्पिक (अलि,अष्टम,कीट)
- धनु=तौक्ष (चाप,शरासन)
- मकर=आकोकेर (मॄगास्य,नक्र)
- कुम्भ=ह्रदयरोग (घट,तोयघर)
- मीन=अन्त्य (मत्स्य,पॄथुरोम,झष)
सारांश:-भदावरी ज्योतिष मेष राशि को क्रिय नाम से भी कहा जाता है,अर्थात जो लगातार क्रिया मे रत रहे,अज नाम से बकरी,और अज नाम से ब्रहमाजी को भी जाना जाता है,पैदा होने के बाद से मरने तक सिर हमेशा क्रियाशील रहता है,संसार का दूसरा नाम ही विश्व है,और अज यानी ब्रहमा विश्व का लगातार निर्माण कर रहे हैं,इसका अलग नाम तुम्बुर भी कहा जाता है,इसका नाम भी पहला ही माना जाता है,आद्य भी शुरु से प्रयोग किया जाता है.इसी प्रकार से उक्ष को प्रयोग करने वाला,(गाय के द्वारा पहली बार जो दूध निकलता है) ही बछडा कहलाता है,गाय के कुल में जन्म लेने वाला ही गोकुल नाम से जाना जाता है,दो लोग आपस में जब मिल जाते हैं उनका उद्देश्य आपस में एक दूसरे को हराने का होता है,पुरुष और स्त्री दोनो काम सुख के लिये इसी तरह से आपस में जब द्वंद करते है,उस द्वंदात्मक रूप को भी मिथुन की संज्ञा दी गई है,दो लोग आपस मे नाचने की क्रिया मे संलग्न होते है,और उस समय जो मिलकर नाच रहे होते है,वही नॄयुग्म का रूप बनता है,यम का दूसरा नाम जुडा हुआ है,युग भी दो कारणों से आपस मे जुडा हुआ माना जाता है,और अपने आप तीसरा कारण बनजाता है,इसी प्रकार से सभी राशियों का मान और शब्दार्थ लिया जाता है.
Astrobhadauria १६:३२, १ सितंबर २००७ (UTC)