यज्ञोपवीत

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यज्ञोपवीत संस्कार में जनेऊ पहनाते ब्राह्मण
यज्ञोपवीत संस्कार में जनेऊ पहनाते ब्राह्मण

यज्ञोपवीत (संस्कृत संधि विच्छेद= यज्ञ+उपवीत) शब्द के दो अर्थ हैं-

  1. उपनयन संस्कार जिसमें जनेऊ पहना जाता है और विद्यारंभ होता है। मुंडन और पवित्र जल में स्नान भी इस संस्कार के अंग होते हैं।[१] जनेऊ पहनाने का संस्कार [२]
  2. सूत से बना वह पवित्र धागा जिसे यज्ञोपवीतधारी व्यक्ति बाएँ कंधे के ऊपर तथा दाईं भुजा के नीचे पहनता है।[३][४] यज्ञ द्वारा संस्कार किया गया उपवीत, यज्ञसूत्र या जनेऊ[५]

यज्ञोपवीत एक विशिष्ट सूत्र को विशेष विधि से ग्रन्थित करके बनाया जाता है। इसमें सात ग्रन्थियां लगायी जाती हैं । ब्राम्हणों के यज्ञोपवीत में ब्रह्मग्रंथि होती है। [६]तीन सूत्रों वाले इस यज्ञोपवीत को गुरु दीक्षा के बाद हमेशा धारण किया जाता है। तीन सूत्र हिंदू त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश के प्रतीक होते हैं। [७]अपवित्र होने पर यज्ञोपवीत बदल लिया जाता है। बिना यज्ञोपवीत धारण कये अन्न जल गृहण नहीं किया जाता। यज्ञोपवीत धारण करने का मन्त्र है

यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं प्रजापतेर्यत्सहजं पुरस्तात् ।
आयुष्यमग्रं प्रतिमुञ्च शुभ्रं यज्ञोपवीतं बलमस्तु तेजः।।

[संपादित करें] संदर्भ

  1. आप्टे, वामन शिवराम (1969)। संस्कृत हिन्दी कोश। दिल्ली, पटना, वाराणसी भारत: मोतीलाल बनारसीदास। अभिगमन तिथि: 27 जुलाई, 2007
  2. प्रसाद, कालिका (2000)। बृहत हिन्दी कोश। वाराणसी भारत: ज्ञानमंडल लिमिटेड। अभिगमन तिथि: 27 जुलाई, 2007
  3. The Sacred Thread (अंग्रेज़ी) (एचटीएम)। कामत.कॉम। अभिगमन तिथि: 3 अगस्त, 2007
  4. आप्टे, वामन शिवराम (1969)। संस्कृत हिन्दी कोश। दिल्ली, पटना, वाराणसी भारत: मोतीलाल बनारसीदास। अभिगमन तिथि: 27 जुलाई, 2007
  5. प्रसाद, कालिका (2000)। बृहत हिन्दी कोश। वाराणसी भारत: ज्ञानमंडल लिमिटेड। अभिगमन तिथि: 27 जुलाई, 2007
  6. Brahma-granthi (अंग्रेज़ी) (एचटीएम)। हिंदुइज़्म.कॉम। अभिगमन तिथि: 3 अगस्त, 2007
  7. Aavani Avittam (अंग्रेज़ी) (एचटीएम)। चेन्नाईऑनलाइन.कॉम। अभिगमन तिथि: 3 अगस्त, 2007

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