शिवमंगल सिंह 'सुमन'

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शिवमंगल सिंह 'सुमन' (१९१६-२००२)----

[[जीवन परिचय]] - शिव मंगल सिंह 'सुमन' का जन्म उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में हुआ। 

प्रारंभिक शिक्षा वहीं हुई। ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज से बी॰ए॰ और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से एम॰ए॰ , डी॰लिट् की उपाधियाँ प्राप्त कर ग्वालियर, इंदौर और उज्जैन में उन्होंने अध्यापन कार्य किया।

वे विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति भी रहे।

एक प्रगतिशील कवि - 'सुमन' जी ने छात्र जीवन से ही काव्य रचना प्रारम्भ कर दी थी और वे लोकप्रिय हो चले थे। उन पर साम्यवाद का प्रभाव है, इसलिए वे वर्गहीन समाज की कामना करते हैं। पूँजीपति शोषण के प्रति उनके मन में तीव्र आक्रोश है। उनमें राष्ट्रीय और देशप्रेम का स्वर भी मिलता है।


प्रमुख रचनाएँ - हिल्लोल, जीवन गान, प्रलय-सृजन , विश्वास बढ़ता ही गया,

                        पर आँखें नहीं भरीं, विंध्य हिमाचल , मिट्टी की बारात आदि









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