कृतघ्न
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किसी के द्वारा अपने प्रति किये गये सत्कार्य को भूल जाने वाले या न मानने वाले व्यक्ति को कृतघ्न कहते हैं तथा इस प्रकार की क्रिया कृतघ्नता कहलाती है।
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[संपादित करें] उदाहरण
- कर्ण के जीवन का मूल मन्त्र था कृतघ्न न बनो।
- मैं कितना कृतघ्न हूँ कि ईश्वर ने मुझे यह काया दी और मैंने उसे ही भुला दिया।
- पड़ोसी को पड़ोसी के साथ कृतघ्न नहीं होना चाहिये।
[संपादित करें] मूल
[संपादित करें] अन्य अर्थ
- नमकहराम
- नाशुक्रा
[संपादित करें] संबंधित शब्द
[संपादित करें] हिंदी में
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