प्रियतम
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प्रियतम शब्द प्रिय शब्द में तम प्रत्यय लगा कर बनाया गया है। प्रिय का अर्थ होता है प्यारा अर्थात् जिसे हम चाहते हैं। इसमें तर प्रत्यय लगाने पर प्रियतर बनता जिसका अर्थ है प्रिय से भी अधिक प्रिय और इसमें तम प्रत्यय लगाने से बनता है प्रियतम जिसका अर्थ होता है सबसे अधिक प्रिय।
साधारणतः प्रियतम शब्द का प्रयोग प्रेमी या पति के लिये होता है।
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[संपादित करें] उदाहरण
- उद्धव ने विदुर को बताया कि हमारे प्रियतम भगवान श्रीकृष्णचन्द्र स्वधाम चले गये।
- अशोक वाटिका में रहते हुये सीता जी का ध्यान सदैव अपने प्रियतम राम के प्रति बना रहता था।
- महादेवी वर्मा जी ने अपनी एक कविता में अपने और अपने प्रियतम के बीच की गहराई के बारे मे लिखा है।
- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के। (रामचरितमानस - बालकाण्ड)
- प्रियतम, अपने ही हाथों से आज पिलाऊँगा प्याला। (मधुशाला - हरिवंशराय बच्चन)
[संपादित करें] मूल
[संपादित करें] अन्य अर्थ
- प्रियवर
- प्राणेश्वर
- प्यारे
[संपादित करें] संबंधित शब्द
[संपादित करें] हिंदी में
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