उदयपुर

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उदयपुर राजस्थान प्रान्त का एक शहर है। इसे झीलों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है।

उदयपुर राजस्थान प्रान्त का एक नगर है। यहां का किला बहुत ही इतिहास को समेटे हुये है। इसके संस्थापक बप्पा रावल (1433-68) थे, जो कि शिशोदिया राजवंश के थे।

8वीं से 16वीं सदी तक बप्पा रावल के वंशजो ने अजेय शासन किया, और तभी से यह राज्य मेवाड के नाम से जाना जाता है। बुद्धि तथा सुन्दरता के लिये विख्यात महारानी पद्मिनी भी यहीं की थी । कहा जाता है कि उसकी एक झलक पाने के लिये के सल्तनत दिल्ली के सुल्तान अल्लाउदीन खिलजी ने इस किले पर आक्रमण किया । रानी ने अपना चेहरे की परछाई को लोटस कुण्ड में दिखाया । इसके बाद उसकी इच्छा रानी को ले जाने की हुयी । पर यह संभव न हो सका । क्योंकि महारानी सहित सभी रानियों और सभी महिलाऐं एक एक कर जलती हुयी आग जिसे विख्यात जौहर के नाम से जानते है, में कूद गयी, और अल्लाउदीन खिलजी की इच्छा पूरी न हो सकी ।

मुख्य शासकों में बप्पा रावल (1433-68), राणा सांगा (1509-27) जिनके शरीर पर 80 घाव होने, एक टांग न (अपंग) होने, एक हाथ न होने के बावजूद भी शासन सामान्य रुप से चलाते थे बल्कि बाबर के खिलाफ लडाई में भी भाग लिया । और सबसे प्रमुख महाराणा प्रताप (1572-92) हुये जिन्होने अकबर की अधीनता नहीं स्वीकार की और राजधाने के बिना राज्य किया ।

[संपादित करें] दर्शनीय स्थल(शहर में)

  • सहेलियों की बाडी
  • मोती मगरी
  • सिटी पैलेस
  • फ़तह सागर झील
  • पिछोला झील
  • अरावली वाटिका

[संपादित करें] दर्शनीय स्थल (आसपास)

  • नाथद्वारा४० किलोमीटर
  • कुंभलगढ ८० किलोमीटर
  • कांकरोली ७० किलोमीटर
  • सज्जन गढ
  • ऋषभदेव


[संपादित करें] यह भी देखें


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