कफ
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[संपादित करें] कफ दोष
शरीर का स्नेहन,आर्दता, स्निग्धता, संधियों का बन्धन तथा जोड़ना, अंगों को दृढ़ एवं अशिथिल रखना, शरीर का प्राकृतिक गुरता, भराव, पूरण और बुद्घि, तर्पण अथवा तरावट, ब्रणों का भरना और पूरना, वीर्यवत्ता, बल, पुष्टि, उत्साह, क्षमा, सहिष्णुता, मानसिक स्थिरता, धृति, ज्ञान, विवेक, अलोलुपता आदि सामान्य कार्य हैं।
[संपादित करें] सन्दर्भ ग्रन्थ:
- चरक संहिता
- सुश्रुत संहिता
- वाग्भट्ट
- चिकित्सा चन्द्रोदय