अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक लिपि

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अंतर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक लिपि (अंग्रेजीInternational Phonetic Alphabet) एक ऐसी लिपि है , जिसमें कि विश्व की सारी भाषाओं की ध्वनियाँ लिखी जा सकती हैं ।जैसा कि अंग्रेजी भाषा मे सिर्फ २४ ही अक्ष होते हैं अतः इसमे सारी ह्भनियों को नही बोला जा सकता अतैव अंतर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक लिपि का जन्म अंग्रेजी भाषा को सही से लिखने के लिये हुआ। इसके हर अक्षर और उसकी ध्वनि का एक से एक सम्बन्ध होता है । इसके ज़्यादातर चिन्ह रोमन लिपि से लिये गये हैं, पर कई यूनानी लिपि के और कई मौजूदा चिन्हों का बदलाव कर के इसमें जोड़े गये हैं । इस प्रणाली के ध्वन्यात्मक प्रतिलेखन में सूक्ष्म प्रतिलेखन [ ] में और स्थूल प्रतिलेखन / / के अन्दर लिखे जाते हैं । इसकी नियामक अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक संघ (en:International Phonetic Association) है ।

उदाहरण: (अंग्रेज़ी) This is a webpage of wikipedia. I am writing it.
IPA लिप्यान्तरण: /'δis iz ə 'wɛbpeidʒ ɔf wiki'piːdiə . 'ai əm 'raitiŋ it./
हिन्दी उच्चारण: द़िस् इज़् अ व़ेब्पेज् अव् विकिपीडिअ। आइ ऐम् राइटिंग् इट्।

[संपादित करें] स्वर

स्वरों को कई तरह से वर्गीकृत किया जा सकता है :

  1. जिह्वा की ऊँचाई की दृष्टि से :
    1. विवृत (खुला हुआ, यानि कि जीभ नीचे गिरी हुई है) / Open
    2. अर्धविवृत / half-open
    3. बीच का
    4. अर्धसंवृत / half-closed
    5. संवृत (अत्यन्त संकीर्ण, यानि कि जीभ मुँह की छत तक उठी हुई है) / closed
  2. जिह्वा का कौन हिस्सा उठा हुआ है :
    1. अग्रस्वर / front vowel
    2. मध्यस्वर / mid vowel
    3. पश्वस्वर / back vowel
  3. होंठों की स्थिति से :
    1. प्रसृत (खुले होंठ) / unrounded
    2. वर्तुल (गोलाकार होंठ) / rounded
    3. अर्ध-वर्तुल / semi-rounded
  4. मात्रा की दृष्टि से :
    1. ह्रस्व / short
    2. दीर्घ / long
    3. प्लुत / very long

नीचे दी गयी तालिका में सभी भाषाओं के स्वरों का वैज्ञानिक वर्गीकरण और उनके IPA वर्णाक्षर दिये गये हैं :

  अग्रस्वर लगभग अग्रस्वर मध्यस्वर लगभग पश्वस्वर पश्वस्वर
प्रसृत वर्तुल प्रसृत वर्तुल प्रसृत वर्तुल प्रसृत वर्तुल प्रसृत वर्तुल
संवृत i y     ɨ ʉ     ɯ u
लगभग संवृत     ɪ ʏ       ʊ    
अर्धसंवृत e ø     ɘ ɵ     ɤ o
बीच का         Schwa: ə        
अर्धविवृत ɛ œ     ɜ ɞ     ʌ ɔ
लगभग विवृत æ       ɐ        
विवृत a ɶ             ɑ ɒ

जिस स्वर पर बलाघात लगता है, उसके शब्दांश के पहले एक << ' >> का निशान लगा दिया जाता है । जिस स्वर में नासिकीकरण होता है, उसके ऊपर टिल्ड << ~ >> का निशान लगा दिया जाता है । दीर्घ स्वरों के बाद ː का निशान लगाया जाता है ।

[संपादित करें] व्यंजन

इस तालिका में सभी भाषाओं के व्यंजन गिये गये हैं, उनके IPA वर्णाक्षरों के साथ ।

ओष्ठ्य
(Bilabial)
दन्त्यौष्ठ्य
(Labio-dental)
दन्त्य
(Dental)
वर्त्स्य
(Alveolar)
पश्वर्त्स्य
(Post-alveolar)
मूर्धन्य
(Retroflex)
तालव्य
(Palatal)
कण्ठ्य
(Velar)
अलिजिह्वीय
(Uvular)
उपालिजिह्वीय
(Pharyngeal)
कण्ठच्छदीय
(Epiglottal)
काकलीय
(Glottal)
स्पर्श
(Plosive)
p   b     t   d ʈ   ɖ c   ɟ k   g q   G     ʡ     ʔ    
नासिक्य
(Nasal)
    m     ɱ     n     ɳ     ɲ     ŋ     ɴ
लुण्ठित
(Trill)
    B     r     ʀ
उत्क्षिप्त
(Tap/Flap)
    ɾ     ɽ
संघर्षी
(Fricative)
ɸ   β f   v θ   ð s   z ʃ   ʒ ʂ   ʐ ç   ʝ x   ɣ χ   ʁ ħ   ʕ ʜ   ʢ h   ɦ
पार्श्विक संघर्षी
(Lateral fricative)
ɬ   ɮ
अन्तस्थ
(Approximant)
    ʋ     ɹ     ɻ     j     ɰ
पार्श्विक अन्तस्थ
(Lateral approximant)
    l     ɭ     ʎ     ʟ

इस पेज में ध्वन्यात्मक चिन्ह दिये गये हैं जो कुछ ब्राउसर पर शायद ठीक से न दिखें । (सहायता)
जहाँ भी चिन्ह जोड़ी में गिये गये हैं, वहाँ दाहिने का चिन्ह en:voiced consonant / घोष व्यंजन के लिये है और बाएँ का अघोष के लिये। शेडेड क्षेत्र उन ध्वनियों के लिये हैं जो असम्भव मानी जाती हैं ।

ध्यान दें कि महाप्राण ध्वनियों, जैसे ख, घ, फ, ध, आदि के लिये उसके अल्पप्राण चिन्ह के बाद superscript में h का निशान लगाया जाता है , जैसे :

  • ख / /
  • भ / /

दन्त्य व्यंजन वर्त्स्य व्यंजनों से अलग दिखाने के लिये ऐसे लिखे जा सकते हैं :

  • त / /
  • द / /
अंग्रेज़ी में IPA की तालिका
अंग्रेज़ी में IPA की तालिका