बाइबिल

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बाइबिल (अथवा बाइबल, en:Bible, अर्थात "किताब") ईसाई धर्म(मसीही धर्म) की आधारशिला है और ईसाइयों (मसीहियों) का पवित्रतम धर्मग्रन्थ है । इसके दो भाग हैं : पुराना नियम और नया नियम । ईसाइयों के अनुसार प्राचीनकाल के कई नबियों और ईसा मसीह के शिष्यों द्वारा पवित्र आत्मा (ईश्वर का तीसरा व्यक्तित्व) से प्रेरित होकर लिखी गयी थी । हर नियम के कई खंड (उप-किताब) हैं ।

[संपादित करें] पुराना नियम

इसमें प्राचीन यहूदी धर्म और यहूदी लोगों की गाथाएँ, पौराणिक कहानियाँ, मिथक (ख़ास तौर पर सृष्टि) आदि का वर्णन है । इसकी मूलभाषा इब्रानी और अरामी थी ।

[संपादित करें] नया नियम

ये ईसा मसीह के बाद की है , जिसे ईसा के शिष्यों ने लिखा था । इसमें ईसा (यीशु) की जीवनी, उपदेश और शिष्यों के कार्य लिखे गये हैं । इसकी मूलभाषा कुछ अरामी और अधिकतर बोलचाल की प्राचीन ग्रीक थी । इसमें ख़ास तौर पर चार शुभसंदेश (सुसमाचार) हैं जो ईसा की जीवनी का उनके चार शिष्यों द्वारा वर्णन है : मत्ती, लूका, युहन्ना और मरकुस ।

[संपादित करें] यहूदी बाइबिल

यहूदी धर्म की धर्मपुस्तक भी बाइबिल (इब्रानी : तनख़) ही है, पर उसमें सिर्फ़ पुराना नियम शामिल है ।

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