सदस्य वार्ता:Astrobhadauria
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[संपादित करें] गठबंधन को सन्धि विच्छेद करने पर गांठ का बंधन मिलता है,
यह शब्द भारत के अन्दर कहावतों के रूप मे प्रयुक्त किया जाता है,और आज भी कहा जाता है कि "क्या आपस मे गांठ बांध ली है?"या आपस मे गठजोड करके बैठे हो,औरत और आदमी एक दूसरे से कहते हैं,यहाँ कौन सी गांठ जोड कर आये हैं,जो जिन्दगी भर साथ निभाऊँ,आदि,आज की राजनीतिक पार्टियों के लिये यह शब्द केवल पुराने शब्द के आधार पर ही लिया जाने लगा है.और दूसरी बात हिन्दी शब्द का सही अर्थ लेने के लिये उस शब्द को उल्टा कर दीजिये,जैसे-गठ नही है तो ठग जरूर होगा.गलत है तो ठीक कर दें,जितनी मेरे में जानकारी और योग्यता है,उसके अनुसार ही तो लिखूंगा.टिप्पणी के लिये धन्यवाद.
[संपादित करें] सुझाव
आप कृपया श्रेणीयों का प्रोयोग करें। इसके बारे मे अधिक जानकारी के लिये मेरी दस्त्खत पे बने वार्ता लिंक पर क्लिक करे और फिर संपादिक करे के बगल के + चिह्न पर क्लिक कर के संदेश लिखें। और दो य दो से अधिक शब्दों के लेख बनाते समय बीच मे - न लगायें जैसा कि आप ने भदावरी-ज्योतिष में किया था वरन बिना - लगाये हि लिखें। सहायता के लिये अवश्य संपर्क करें--सुमित सिन्हावार्ता ११:३५, ३० अगस्त २००७ (UTC)
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श्रेणी जरूर लिखें उदाहरण: वायुदाब के लिये श्रेणी होगी कछ इस तरह:
[[श्रेणी:दाब]]
कई लेखों में एक से ज्यादा श्रेणी भी हो सकती है। किसी भी श्रेणी को [[श्रेणी:श्रेणी का नाम]] में रखकर प्रयोग किया जा सकता है। और श्रेणी देते समय किसी लेख से संबंधित सभी श्रेणी देने कि आवश्यक्ता नही होती है बलकि सबसे निकटतम श्रेणी को देने की आवश्यक्ता होती है, जैसे:भारत श्रेणी के अन्तर्गत महाराष्ट्र श्रेणी आयेगी अत: मुम्बई लेख के लिये सिर्फ़ महाराष्ट्र श्रेणी का प्रयोग करें न कि दोनो भारत श्रेणी एवं महाराष्ट्र श्रेणी का और कहीं अपनी हस्ताक्षर देने के लिये --~~~~ लिख दें--सुमित सिन्हावार्ता १०:२९, ३१ अगस्त २००७ (UTC)
[संपादित करें] ध्यान दें
- लेखों मे अपना दस्तखत न दें
- लेख बनाने से पहले (खोज कर) जाँच कर ले कि कोई और लेख समान विषय का पहले हि तो नही बना है
- श्रेणी अवश्य दें
--सुमित सिन्हावार्ता ०९:०८, २ सितंबर २००७ (UTC)
[संपादित करें] श्रेणी का प्रयोग अवश्य करें
कृप्या श्रेणी का प्रयोग अवश्य करें।
[संपादित करें] भूगोल लेख सहायता
आप एक ही विषय के दो लेख बना रहें हैं आपके लेख पॄथ्वी, सौरमंडल तथा ॠतु डबल बन रहे है, आपसे निवेदन है कि इन्हे हटा दें तथा क्रमशः पृथ्वी, सौर मंडल तथा ऋतु को बढाने का कार्य करें राजीवमास ०६:३२, ६ सितंबर २००७ (UTC)