नेपाल

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नेपाली राज्य

भाषा नेपाली, नेपाल भाषा, मैथिली और अन्य
राजधानी काठमांडू
राजा ज्ञानेन्द्र बीर बिक्रम शाह देव
प्रधान मंत्री गिरिजा प्रसाद कोइराला
क्षेत्रफल
 - कुल
 - % जल
चौरानेवाँ स्थान
147,181 km²
2.8%
जनसँख्या


 - कुल (2000)
 - जनसँख्या घनत्व

चालीसवाँ स्थान


25,284,463
184/km²

एकीकरण 1768
मुद्रा नेपाली रुपैयाँ (NPR)
समय क्षेत्र UTC +5:45
राष्ट्र गीत सयौं थूंगा फूलका हामी
इंटरनेट डोमेन .np
कालिंग कोड +977

नेपाल, अन्तरिम संविधान अनुसार आधिकारिक रूप मै नेपाल राज्य[१] (साँचा:Audio-IPA) एक दक्षिण एशियाली भूपरिवेष्ठित हिमाली राष्ट्र है। नेपाल के उत्तर मे चीन का स्वशासित क्षेत्र तिब्बत है और दक्षिण, पूर्व व पश्चिम मै भारत अवस्थित है। नेपाल का आधा से ज्यादा नागरिक हिन्दू धर्म मै विश्वास रखते है। यह प्रतिशत भारत का से भी ज्यादा है, अतः नेपाल विश्व का सबसे ज्यादा प्रतिशत हिन्दू धर्मावलम्बी होने वाला राष्ट्र भी है। एक छोटा क्षेत्र के लिए नेपाल का भौगोलिक विभिधता बहुत उल्लेखनीय है। यहाँ तराईका उष्म फाँट से लेकर ठण्डा हिमालयका श्रृंखलाएं अवस्थित है। संसार का सबसे उंचा १४ हिमश्रृंखला मे आठ नेपाल मे है जिसमे संसार का सर्वोच्च शिखर सगरमाथा (नेपाल और चीन का सीमाना मै) भी एक है। नेपाल की राजधानी और सबसे बडा शहर काठमाडौं है। अन्य प्रमुख शहर भरतपुर, बिराटनगर, भैरहवा, वीरगञ्ज, जनकपुर, पोखरा, नेपालगञ्ज, महेन्द्रनगर आदि है। "नेपाल" शब्द का उत्त्पत्ति के बारे मे ठोस प्रमाण कुछ नही है, लेकिन एक प्रसिद्ध विश्वास अनुसार यह शब्द ने ऋषि तथा पाल (गुफा) मिलकर बना है। माना जाता है कि नेपाल के राजधानी काठमाण्डौ एक समय मे ने ऋषि का तपस्या स्थल था।

निरन्तर रुप से राजा-रजौटाऔं का अधिन मे रहकर फुट्ने और जुड्ने का लम्बा तथा सम्पन्न इतिहास वाला हाल मै नेपाल के नाम से प्रसिद्ध यह भूखण्ड मै वि. स. २०४६ साल का आन्दोलन पश्चात संवैधानिक राजतन्त्र का नीति अवलम्बन हुवा। लेकिन इस पश्चात भी राजसंस्था एक महत्त्वपूर्ण तथा अस्पष्ट परिधि एवम् शक्ति सम्पन्न संस्था के रूप मे प्रस्तुत हुवा। यह व्यवस्था मे पहले संसदीय अनिश्चितता तथा सन् १९९६ से ने.क.पा.(माओवादी)का जनयुद्ध के कारण से राष्ट्रिय अनिश्चितता दिख्ने लगा। माओवादीयौं ने राजनीति के मूलाधार से पृथक भूमिगत रुप से राजतन्त्र तथा मूलाधार के राजनैतिक दलौं के बिरुद्ध मे गुरिल्ला युद्ध सञ्चालन कर दिया। उन्हौंने नेपाल का सामन्ती व्यवस्था (उन के अनुसार इसमै राजतन्त्र भी पड्ता है) फेंक कर एक माओवादी राष्ट्र स्थापना करने की प्रण किया है। यही कारण से नेपाली गृहयुद्ध शुरु हो गया जिसके कारण १३,००० मनुष्यौं की जान जा चुका है। यही विद्रोहको दमन करने के पृष्ठभूमि मै राजा ज्ञानेन्द्र ने सन् २००२ मे संसद को विघटन तथा निर्वाचित प्रधानमन्त्री को अपदस्त करके प्रधानमन्त्री मनोनित प्रक्रिया से शासन चलाने लगे। सन् २००५मै उन्हौंने एकल रूपमै संकटकाल का घोषणा करके सब कार्यकारी शक्ति ग्रहन किया। सन् २००६का लोकतान्त्रिक आन्दोलन (जनाअन्दोलन-२) पश्चात राजा ने देश का सार्वभौमसत्ता जनता को हस्तान्तरण किया तथा अप्रिल २४, २००६ मै संसद को पूनर्स्थापना हो गया। मे १८, २००६ मे अपना पुनर्स्थापित सार्वभौमता का उपयोग करके नयाँ प्रतिनिधि सभा ने राजा के अधिकार मे कटौती कर दी तथा नेपाल को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषणा कर दिया। हाल, देश का नयाँ संविधान निर्माण करने वाला संविधान सभा का चुनाव निकट भविष्य मै होने वाला है।

अनुक्रमणिका

[संपादित करें] इतिहास

हिमालय क्षेत्र मे मनुष्यों का आगमन लगभग ९,००० वर्ष पहले होने का तथ्य काठमाण्डौ उपत्यका में पाये गये नव पाषाण औजारौं से पुष्टि होता है। सम्भवतः तिब्बती-बर्मीज मूल के लोग नेपाल मे २,५०० वर्ष पहले आ चुके थें।[२]

१५०० ईशा पुर्व के आसपास इन्डो-आर्यन जतियों द्वारा काठमाण्डौ उपत्यका में प्रवेश हुयें। करीब १००० ईशा पुर्व में छोटे-छोटे राज्य और राज्यसंगठन बनें। सिद्धार्थ गौतम (ईशापूर्व ५६३–४८३) शाक्य वंश के राजकुमार थे, जिसने अपना राजकाज त्याग कर तपस्वी का जीवन निर्वाह किया और वह बुद्ध बन गए।

२५० ईशा पुर्व तक ईस क्षेत्र मे उत्तर भारत का मौर्य साम्राज्यका प्रभाव पडा और बाद में ४थे शताब्दी मे गुप्तवंश के अधिन में कठपुतली राज्य हो गया। ईस क्षेत्र मे ५वी शताव्दि के उत्तरार्ध मे आकर लिच्छवियो के राज्य का स्थापना हुआ। ८वी शताव्दि के उत्तरार्ध मे लिच्छवि वंश का अस्त हो गया और सन् ८७९ से नेवार (नेपाल कि एक जाती) युगका उदय हुआ, फिरभी इन लोगों का नियन्त्रण देशभर मे कितना बना था, इसका यकिन नहिं है। ११वी शताव्दि के उत्तरार्ध मे दक्षिण भारत से आए चालुक्य साम्राज्य का प्रभाव नेपाल के दक्षिणी भूभाग मे दिखा। चालुक्यों के प्रभाव मे आकर उस समय बुद्धधर्म को छोडकर राजाओ ने हिन्दू धर्म का समर्थन किया और नेपाल मे धार्मिक परिवर्तन होने लगा।

पाटन का हिन्दू मन्दिर, तीन प्राचीन राज्यमध्येका एककी राजधानी
पाटन का हिन्दू मन्दिर, तीन प्राचीन राज्यमध्येका एककी राजधानी
१९२०का नेपाली राजशाही
१९२०का नेपाली राजशाही

१३औँ शताव्दि के पूर्वार्ध मे संस्कृत शव्द मल्लका थर वाले वंश का उदय होने लगा। २०० वर्ष मै इन राजाऔं ने शक्ति एकमुष्ठ किया। १४औँ शताव्दि के उत्तरार्ध मे देश का बहुत ज्यादा भाग एकिकृत राज्य के अधिन मे आ गया। लेकिन यह एकिकरण कम समय तक ही टिक सका: १४८२मे यह राज्य तीन भाग मे विभाजित हो गया - कान्तिपुर, ललितपुर, और भक्तपुर – जिसके बीचमे शताव्दियौं तक मेल नही हो सका।

१७६५मे, गोरखाका राजा पृथ्वी नारायण शाहने भारतीय राजाऔं से हतियार और सहयोग लेकर पडोसी भारतीय राज्यऔं का तटस्थता खरिद कर नेपाल मे हमला बोल दिये। बहुत ज्यादा रक्तरंजित लडाँईयौं पश्वात उन्हौने ३ वर्ष बाद नेपाल के राजाऔं को हराया और अपने राज्य का नाम गोरखा से नेपाल मे परिवर्तित किया। तथापि उन्हे कान्तिपुर विजय मे कोही युद्ध नही करना पडा। वास्तब मे, उस समय इन्द्रजात्रा पर्व मे कान्तिपुर का सभी जनता फसल का देवता भगवान इन्द्र कि पुजा और महोत्सव (जात्रा) मना रहेथे, जब पृथ्वी नारायण शाह ने अपना सेना लेकर धावा बोला और सिंहासन कब्जा कर लिया। इस घटना को आधुनिक नेपाल का जन्म भी कहते है।

तिब्बत से हिमाली मार्ग का नियन्त्रण के लिए हुवा बिबाद और उस पश्चात का युद्ध मे चीन तिब्बत के सहायता के लिए आनेके बाद नेपाल पिछे हट गया। नेपाल का सीमा नजदिक का छोटा-छोटा राज्यौं को हडप्ने के कारण से शुरु हुवा ब्रिटिस इस्ट इण्डिया कम्पनिके साथ दुश्मनीका कारण छोटा लेकिन रक्तरंजित एङ्गलो-नेपाल युद्ध (१८१५–१६) हो गया, जिसमे नेपाल अपनी दो तिहाई भूभाग खो दिया लेकिन अपनी सार्वभौमसत्ता और स्वतन्त्रता कायम रखा। भारत वर्ष मै यही एक खण्ड है जो कभी भी कोही बाहरी सामन्तौं के अधीन मै नही आया। बेलायत से लड्ने के बाद नेपाल ने हाल का सिमा मे सिमट गया और महाकाली नदी से पश्चिम मै अपना क्षेत्रौं को खो दिया। यह क्षेत्र अभी उत्तराञ्चल राज्य और हिमाञ्चल प्रदेश और पञ्जाबी पहाडी राज्य मै सम्मिलित है। पूर्व मै दार्जीलिङ और उसके आसपासका नेपाली मूल के लोगों का भूमि (जो अब पश्चिम बंगाल मे है) भी ब्रिटिस इन्डिया के अधीन मे हो गया तथा नेपाल कासिक्किम के उपरका प्रभाव और शक्ति भी नेपाल को त्यागना पडा।

राज परिवार विचको गुटबन्दिका कारण युद्धपछि अस्थायित्व कायम भयो। शन् १८४६मा शासन गरिरहेकी रानीकी सेनानायक जङ्गबहादुरलाई पदच्युत गर्ने षडयन्त्रको खुलासा हुँनाले कोतपर्व घट्न पुग्यो। हतियारधारी सेना र रानीप्रति वफादार भाइ-भारदारहरूविच मारकाट चल्नाले देशका सयौँ राजखलाक, भारदारहरू र रजौटाहरूको हत्या भयो। जङ्गबहादुरले जिते पछि राणा खानदान सुरुगरे र राणा शासन लागु गरे। राजालाई नाममात्रमा सिमित गरियो र प्रधानमन्त्री पदलाई सक्तिशाली र वंशानुगत गरियो। राणाहरू पूर्णनिष्ठाले ब्रिटिसहरूका पक्षमा थिए र ब्रिटिसहरूलाई १८५७को सेपोई रेबेल्योन (प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम), र पछि दुबै विश्व युद्धहरूमा सगाएका थिए। शन् १९२३मा संयुक्त अधिराज्य र नेपाल विच आधिकारिक रुपमा मित्रताको सम्झौतामा हस्ताक्षर भयो, जसमा नेपलको स्वतन्त्रतालाई संयुक्त अधिराज्यले स्विकार्‍यो।

१९४० दशकको उत्तरार्धमा लोकतन्त्र-समर्थित आन्दोलनहरूको उदय हुन थाल्यो र राजनैतिक पार्टिहरू राणा शासनको बिरुद्धमा उत्रे। त्यसै ताका चीनले १९५०मा तिब्बत कब्जा गर्‍यो जसका कारण बढ्दो सैनिक गतिविधि टार्न भारतलाई नेपालको स्थायित्व प्रति चाख बढ्न थाल्यो। फलस्वरुप राजा त्रिभूवनलाई भारतले समर्थन गरि १९५१मा शत्ता दिलाए, र नयाँ सरकार निर्माण भयो, जसमा धेरैजसो नेपाली कङ्ग्रेस पार्टिको सहभगिता थियो। राजा र सरकार विच वर्षौँको शक्ति खिचातानि पश्चात, १९५९मा राजा महेन्द्रले लोकतान्त्रिक अभ्याँस अन्त्य गरि "निर्दलिय" पञ्चायत व्यवस्था लागु गरि राज्य गरे। शन् १९८९को "जनआन्दोलन"ले राजतन्त्रलाई संबैधानिक सुधार गर्न र बहुदलिय संसद बनाउन बाध्य तुल्यायो[३] र मे १९९१मा कृष्णप्रशाद भट्टराई अन्तरिम सरकारको प्रधानमन्त्री बने, नयाँ संविधानको निर्माण भयो र संसदका लागि लोकतान्त्रिक चुनाव गराए। नेपाली कङ्ग्रेसले राष्ट्रको पहिलो लोकतान्त्रिक चुनावमा बहुमत ल्यायो र गिरिजाप्रशाद कोइराला प्रधानमन्त्री बने।

[संपादित करें] भूगोल

मुख्य लेख: नेपालको भूगोल
नेपालको भौगोलिक नक्सा
नेपालको भौगोलिक नक्सा
सुक्खा हिमाली पृष्ठभूमि
सुक्खा हिमाली पृष्ठभूमि

नेपाल अन्दाजी चारकुने आकारको छ। नेपालको लम्बाई करिब ८०० किलोमिटर (५०० मा) र चौडाई २०० किलोमिटर (१२५ मा) छ। नेपालको कुल क्षेत्रफल १४७,१८१ वर्ग किलोमिटर (५६,८२७ sq मा)छ। नेपाल भौगोलिक हिसाबले ३ भागमा विभाजन गरिन्छ: हिमाली क्षेत्र, पहाड, र तराइ क्षेत्र। यी क्षेत्रहरु पूर्व-पश्चिम दिशामा देशभरि फैलिएका छन् र यिनीहरुलाई नेपालका प्रमुख नदीहरुले ठाउँ-ठाउँमा विभाजन गरेका छन्|

भारतसँग जोडिएको तराइ फांट भारतीय-गंगा समथरको उत्तरी भाग हो। यो भागको सिंचाई तथा भरणपोषणमा तीन नदीको मुख्य हात छ, यी नदीहरु हुन्: कोशी, गण्डकी (भारतमा गण्डक नदी), र कर्णाली नदी। यो भूभाग उष्म र संतृप्त हुन्छन्।

पहाडी भूभागमअ १,००० देखि ४,००० मिटरसम्मका (३,३००–१३,१२५ फू) उचांईका पर्वत पर्दछन्| यो क्षेत्रमा महाभारत लेख र सिवालिक श्रृखला (चुरिया) नामका दुई साना पहाडी श्रृखला मुख्य श्रृखला हुन्। पहाड क्षेत्रमा काठमाडौं उपत्यका पनि पर्दछ जुन नेपालको सबैभन्दा उर्वर तथा शहरी क्षेत्र हो। पहाडी क्षेत्रको उपत्यकाहरुको दांजोमा २,५०० मिटर (८,२०० फिट)भन्दा उच्च स्थलमा जनघनत्व निकै कम छ।

हिमाली क्षेत्रमा संसारका सबैभन्दा उच्च हिमश्रृखलाहरु पर्दछन्। यस क्षेत्रको उत्तरमा चीनको सिमानामा संसारको सर्वोच्च शिखर, सगरमाथा ८,८४८ मिटर (२९,०३५ फि) अवस्थित छ। संसारको ८,००० मिटर भन्दा अग्ला १४ चुचुरा मध्ये ८ नेपालको हिमाली क्षेत्रमा पर्दछन्। कञ्चनजङ्घा, संसारको तेश्रो उच्च शिखर पनि यही हिमाली क्षेत्रमै पर्दछ। नेपालका सबै भौगोलिक क्षेत्रका मुख्य समस्यामा वन बिनास एक मुख्य हो जसले गर्दा भूक्षय र इकोसिस्टमको विनास हुन्छ।

नेपालमा पाँच मौसमी क्षेत्र छन् जुन उचाँईसंग केही मात्रामा मेल खान्छन्। ट्रपिकल तथा सबट्रपिकल क्षेत्र १,२०० मिटर(३,९४० फि) भन्दा तल, टेम्परेट क्षेत्र १,२०० देखि २,४०० मिटर (३,९००–७,८७५ फि), चिसो क्षेत्र २,४०० देखि ३,६०० मिटर (७,८७५–११,८०० फि), सबआर्क्टिक क्षेत्र ३,६०० देखि ४,४०० मिटर (११,८००–१४,४०० फि), र आर्क्टिक क्षेत्र ४,४०० मिटर(१४,४०० फिट)भन्दा माथि। नेपालमा पाँच ऋतुहरु छन्: उष्म, मनसून, अटम, शिषिर र बसन्त। हिमालयले मध्य एसियाबाट बहने चीसो हावालाई नेपाल पस्नबाट रोकिदिन्छन् तथा मनसूनको वायुको उत्तरी परिधिको रुपमा पनि काम गर्दछन्।

नेपाल र बंगलादेशको सिमाना नजोडिएतापनि यी दुई राष्ट्र २१ किलोमिटर (१३ माइल)को एक सांघुरो चिकेन्स् नेक भन्ने क्षेत्रबाट छुट्टिएका छन्| यो क्षेत्रलाई स्वतन्त्र-व्यापार क्षेत्र बनाउने प्रयास भईरहेको छ|

संसारको सर्वोच्च शिखर सगरमाथा नेपाल र तिब्बतको सिमानामा अवस्थित छ। यो हिमालको नेपालमा पर्ने दक्षिण-पूर्वी रिज(ridge) प्राविधिक रूपमा चढ्न सहज मानिन्छ| जसको कारण हरेक वर्ष सो स्थानमा धेरै पर्यटक भेला हुन्दछन्। अन्य चढिने हिमालमा अन्नपुर्ण (१,२,३,४) अन्नपुर्ण श्रृंखलामा पर्दछ।

[संपादित करें] अर्थतन्त्र

मुख्य लेख: नेपालको अर्थतन्त्र
हिमालयको पुछारमा पाखो खेति
हिमालयको पुछारमा पाखो खेति

कृषिले जनसङ्ख्याको ७६% धानेको छ र कुल ग्राह्यस्थ उत्पादनको ३९% योगदान गरेको छ भने सेवाले ३९% र उद्योगले २१% गरेको छ। देशको उत्तरी दुई-तिहाई भागमा रहेका पहाडी र हिमाली भूभागले बाटोघाटो र अन्य संरचना निर्माण गर्न कठिन र महङ्गो बनाएको छ। सन् २००३ सम्ममा कालोपत्रे-सडकहरूको कुल लम्बाई ८,५०० किमि भन्दा केही बढी र दक्षिणमा रहेको रेल्वे-लाइनको कुल लम्बाई ५९ किमि मात्र छ। ४८ वटा धावनमार्ग र त्यसमध्ये १० वटामा कालोपत्र भएकाले हवाईमार्गको भने स्थिति राम्रो छ। यहाँ बढीमा प्रति १९ व्यक्तिका लागि १ टेलिफोन सुविधा उपल्ब्ध छ; तारजडित सेवा देशभर अपुग छ तर सहरहरू र जिल्ला सदरमुकामहरूमा बढी केन्द्रित छ; सेवामा जनताको पहुँच बढेको र सस्तो हुँदै गएकाले मोबाइल (वा तार-रहित) सेवाको स्थिति भने देशभर राम्रो छ। सन् २००५ मा १,७५,००० इन्टरनेट जडानहरू (connections) थिए, तर "सङ्कटकाल" लागू भएपश्चात केही समय सेवा अवरूद्ध भएको थियो। केही अन्योल पछि नेपालको दोस्रो बृहत जनआन्दोलनले राजाको निरङ्कुश अधिकार समाप्त गरे पश्चात भने सवै इन्टरनेट सेवाहरू बिना रोकटोक सुचारू भएका छन्।[४]

नेपालको भूपरिबेस्टित स्थिति[५] र प्राविधिक बिपन्नता अनि लामो द्वन्दले अर्थतन्त्रलाई पूर्णरूपमा विकाशशील हुन दिएको छैन। नेपालले भारत, जापान, संयुक्त अधिराज्य, अमेरिका, युरोपेली संघ, चीन, स्वीजरल्याण्ड र स्क्यानडेभियन राष्ट्रहरूबाट वैदेशिक सहयोग पाँउछ। आर्थिक बर्ष २००५/०६मा सरकारको बजेट करिब १.१५३ अर्ब अमेरिकी डलर जतिको थियो, तर कुल खर्च १.७८९ अर्ब भएको थियो। १९९० दशक तिरको बढ्दो मुद्रा स्फीति दर घटेर २.९% पुगेको छ। बर्षौं देखि नेपाली मुद्रा रूपैयाँलाई भारतिय रूपैयासँग सटहीदर १.६ मा स्थिर राखिएको छ। १९९० दशकमा खुकुलो परिएको मुद्रा बिनिमय दर निर्धारण नीतिका कारण बिदेशी मुद्राको कालोबजार लगभग समाप्त भएको छ। एक दिर्घकालिन आर्थिक सम्झौताले भारतसँगको राम्रो संबन्धलाई टेवा दिएको छ।

जनताहरू बीचको सम्पत्ति वितरण अन्य विकसित र विकासोन्मुख देशहरूको दाँजोमै छ: माथिल्ला १०% गृहस्थीसँग कूल राष्ट्रिय सम्पतिको ३९.1% माथि नियन्त्रण छ भने निम्नतम १०% सँग केबल २.6% मात्र।

नेपालको १ करोड जतिको कार्यबलमा दक्ष कामदारका असाध्यै कमी छ। ८१% कार्यबललाई कृषिले, १६% सेवाले, र ३% उत्पादन/कला-आधारित उद्योगले रोजगारी प्रदान गर्दछ।

[संपादित करें] प्रशासनिक विभाजन

मुख्य लेख: नेपाल का अञ्चल

नेपाल १४ अञ्चल, ७५ जिल्ला और ५ विकास क्षेत्र मै विभाजित है। प्रत्येक जिला एक निश्चित जिला प्रमुख द्वारा निर्देशित है। जिला प्रमुख का काम जिला मै विधान तथा शान्ति बहाल करना और सरकारी मंत्रालयौं के काम-काजको सहायता करना है।

नेपाल का १४ अञ्चल:
1 मेची 8 लुम्बिनी
2 कोशी 9 धवलागिरी
3 सगरमाथा 10 राप्ती
4 जनकपुर 11 कर्णाली
5 बागमती 12 भेरी
6 नारायणी 13 सेती
7 गण्डकी 14 महाकाली

[संपादित करें] संस्कृति

नेपाल की संस्कृति तिब्बत एवं भारत से मिलती जुलती है। यहाँ की वेषभूषा, भाषा तथा पकवान इत्यादि एक जैसे ही है । नेपाल का सामान्य खाना चने की दाल, भात, तरकारी, अचार है । इस प्रकार का खाना सुबह एवम् रात में दिन में दोनो जून खाया जाता है । खाने में चिवड़ा और चाय का भी चलन है । मांस मछली तथा अंडा भी खाया जाता है । हिमालयी भाग में गेहूँ, मकई , कोदो, आलु आदि का खाना और तराई में गेहूँ की रोटी का प्रचलन है । कोदो के मादक पदार्थ तोङ्गबा, छ्याङ, रक्सी आदि का सेवन हिमालयी भाग में बहुत होता है । नेवार समुदाय अपने विशेष किस्म के नेवारी परिकारों का सेवन करते हैं।

[संपादित करें] संदर्भ

  1. नेपालको अन्तरिम संविधान २०६३
  2. A Country Study: NepalFederal Research Division, Library of Congress। अभिगमन तिथि: September 23, 2005
  3. Timeline: NepalBBC News। अभिगमन तिथि: September 29, 2005।
  4. NepalCIA World Factbook। अभिगमन तिथि: सेप्टेम्बर २३, २००५।
  5. Nepal: EconomyMSN Encarta। अभिगमन तिथि: September 23, 2005

[संपादित करें] बाहरी कड़ियाँ

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