कलन

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कलन (Calculus) गणित का बहुत ही ख़ास क्षेत्र है, जो बीजगणित और अंकगणित से विकसित हुआ है । ये दो भागों का आपसी मिलन है : समाकलन और अवकलन । दोनो भागों में एक ख़ास विषय रहता है : अनन्त और अतिसूक्ष्म राशियों की मदद से गणना करना ।

[संपादित करें] समाकलन

समाकलन (Integral Calculus) यह एक विशेष प्रकार की योग क्रिया है जिसमें अति-सूक्ष्म मान वाली (किन्तु गिनती में अत्यधिक, अनन्त) संख्याओं को जोड़ा जाता है। किसी वक्र तथा x-अक्ष के बीच का क्षेत्रफल निकालने के लिये समाकलन का प्रयोग करना पडता है।

[संपादित करें] अवकलन

अवकलन (Differential Calculus) किसी मात्रा के किसी और मात्रा के सम्बन्ध में तत्कालिक बदलाव के दर का अध्ययन करता है । इस दर को अवकलज (en:Derivative) कहते हैं ।

किसी फलन के किसी चर रासि के साथ बढ़ने की दर को मापता है। जैसे यदि कोई फलन y किसी चर रासि x पर निर्भर है और x का मान x1 से x2 करने पर y का मान y1 से y2 हो जाता है तो (y2-y1)/(x2-x1) को y का x के सन्दर्भ में अवकलज कहते हैं। इसे dy/dx से निरूपित किया जाता है। ध्यान रहे कि परिवर्तन (x2-x1) सूष्म से सूक्ष्मतम (tend to zero) होना चाहिये। इसी लिये सीमा (limit) का अवकलन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। किसी वक्र(curve) का किसी बिन्दु पर प्रवणता (slope) जानने के लिये उस बिन्दु पर अवकलज की गणना करनी पड़ती है।

समाकलन और अवकलन एक दूसरे के व्युत्क्रम क्रियायें(inverse operations) हैं।


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