उर
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उर का अर्थ होता है छाती। उर शब्द का प्रयोग प्रायः काव्य में अधिक होता है।
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[संपादित करें] उदाहरण
- कैसे निज सोये भाग को कोई सकता है जगा, जो निज भाषा-अनुराग का अंकुर नहिं उर में उगा।
- मोर मुकुट कटि काछनी कर मुरली उर माल।
- बान लग्यो उर लछिमन के तब प्रान तजे सुत रावन मारो।
[संपादित करें] मूल
- उर मूलतः संस्कृत का शब्द है।
[संपादित करें] अन्य अर्थ
- छाती
- सीना
- वक्ष
- वक्षस्थल
[संपादित करें] संबंधित शब्द
[संपादित करें] हिंदी में
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