अंगकोर वाट

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अंगकोर वाट

नाम: अंगकोर वाट
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निर्माण का वर्ष:
देवता:
वास्तुकला:
स्थान:


अंगकोर वाट (संस्कृत मूल: नगर-वाट) कम्बोडिया में विश्व-विख्यात विष्णु मन्दिर है। यह विश्व का सबसे बडा मन्दिर समूह है।

प्रवेश द्वार
प्रवेश द्वार

मन्दिर की परिकल्पना ज्योतिष के कुछ तथ्यों के अनुसार है। यह आधुनिक नगर सीम रीप के ५ किलोमीटर उत्तर में है। यह धारणा है कि इसका वास्तविक नाम प्रिय विष्णुलोक था। अन्य मन्दिरों के विपरीत जो पूर्व से मिले होते हैं, यह मन्दिर पश्चिम की ओर पंक्तिबद्ध है।

अंगकोर वाट क्षेत्र
अंगकोर वाट क्षेत्र

[संपादित करें] निर्माण

अंगकोर वाट शैली में अप्सरा चित्रण
अंगकोर वाट शैली में अप्सरा चित्रण

इसको १२वीं शताब्दी में राजा सूर्यवर्मन् २ ने निर्मित किया ।

यह मन्दिर ख्मेर शास्त्रीय शैली पर बना है। अब यह कम्बूजा की राष्ट्र चेतना से जुडा हुआ है और यह देश के राष्ट्र ध्वज पर अंकित है।


निर्माण के कुछ ही वर्ष पश्चात चम्पा राज्य ने इस नगर को लूटा। उसके उपरान्त राजा जयवर्मन् ७ ने नगर को कुछ किलोमीटर उत्तर में पुनर्स्थापित किया। १४वीं या १५वीं शताब्दी में थेरवाद बौद्ध लोगों ने इसे अपने नियन्त्रण में ले लिया।

इसकी परिधि ३.६ किलोमीटर है, उसके बाहर ३० मी खुली भूमि और फिर बाहर १९० मी चौडी खाई है। विद्वानों के अनुसार यह चोल वंश के मन्दिरों के आधार पर बना है।

दक्षिण पश्चिम में ग्रन्थालय
दक्षिण पश्चिम में ग्रन्थालय

इसमें तीन वीथियां हैं, जिनमें अन्दर वालीं अधिक ऊंचाई पर हैं। यह मन्दिर मेरु पर्वत का प्रतीक है। इसकी दीवारों मे बहुत सुन्दर रामायण और महाभारत के प्रसंगों का चित्रण है। इन प्रसंगों में अप्सराएं बहुत सुरुचि से चित्रित हैं; असुरों और देवताओं के बीच अमृत मन्थन भी दिखाया गया है।


[संपादित करें] आधुनिक महत्व

अंगकोर वाट मापचित्र
अंगकोर वाट मापचित्र

अंगकोर वाट en:UNESCO World Heritage Site है, और विश्व के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थानों में से एक है। पर्यटक यहां केवल वास्तुशास्त्र का अनुपम उदाहरण ही नहीं देखने आते, वह यहां का सूर्योदय और सूर्यास्त देखने भी आते हैं।

सनातनी लोग इसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थान मानते हैं।

[संपादित करें] संदर्भ