भोपाल
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भोपाल | |
प्रदेश - जिलाएँ |
मध्य प्रदेश - भोपाल |
स्थान | 23.27° N 77.4° E |
क्षेत्रफल - समुद्र तल से ऊँचाई |
308.14 स.की.मी
|
समय मण्डल | IST (UTC+5:30) |
जनसंख्या (2001) - घनत्व |
1482718 (5th) - 160/स.कि.मी. |
महापौर | सुनील सूद |
संकेतक - डाक - दूरभाष - वाहन |
- 462 xxx - +91 (0)755 - MP-04 |
वेबसाइट: http://www.bhopalmunicipal.com/ |
भोपाल भारत देश में मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी है और भोपाल ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। भोपाल को झीलों की नगरी भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ कई छोटे-बडे ताल हैं । यह शहर अचानक सुर्ख़ियों मे तब आ गया जब १९८४ में अमरीकी कंपनी यूनियन कार्बाइड से मिथाएल् आइसो साइनेट गैस के रिसाव से लगभग बीस हजार लोग मारे गये थे। भोपाल गैस कांड का कुप्रभाव आज तक वायु प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, जल प्रदूषण के अलाव जैविक विकलांगता एवं अन्य रूपों में आज भी जारी है। इस वजह से भोपाल शहर कई आंदोलनों का केंद्र है।
भोपाल में भारत हेवी एलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) का एक कारखाना है। हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र ने अपना दूसरा 'मास्टर कंट्रोल फ़ैसिलटी' स्थापित की है। भोपाल मे ही भारतीय वन प्रबंधन संस्थान भी है जो भारत में वन प्रबंधन का एकमात्र संस्थान है। साथ ही भोपाल उन छह नगरों मे से एक है जिनमे भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान खोलने का फ़ैसला लिया गया है। इसके अतिरिक्त यहां एक विश्वविद्यालय, अनेक इंजीनियरिंग महाविद्यालय तथा अनेकों पब्लिक स्कूल हैं।
अनुक्रमणिका |
[संपादित करें] इतिहास
ऐसा समझा जाता है कि भोपाल की स्थापना परमार राजा भोज ने १०००-१०५५ ईस्वी में की थी। उनके राज्य की राजधानी धार थी, जो अब मध्य प्रदेश का एक जिला है। शहर का पूर्व नाम 'भोजपाल' था जो भोज और पाल के संधि से बना था। परमार राजाओं के अस्त के बाद यह शहर कई बार लूट का शिकार बना।
इसके बाद भोपाल शहर की स्थापना अफ़गान सिपाही दोस्त मोहम्मद (1708-1740) ने की थी। ऒरंगजेब की मृत्यु के बाद की अफ़रातफ़री में जब दोस्त मोहम्मद दिल्ली से भाग रहा था, तो उसकी मुलाकात गोंड रानी कमलापती से हुई जिसने दोस्त मोहम्मद से मदद माँगी। वह अपने साथ इस्लामी सभ्यता ले कर आया जिसका प्रभाव उस काल के महलों और दूसरी इमारतों मे साफ़ दिखाई देता है। आज़ादी के पहले भोपाल हैदराबाद के बाद सबसे बड़ा मुस्लिम राज्य था। सन् 1819 ईस्वी से ले के 1926 ईस्वी तक भोपाल का राज चार बेगमों ने संभाला। कुदीसा बेगम सबसे पहली महिला शासक बनीं। उनके बाद, उनकी इकलौती संतान, सिकंदार बेगम शासक बनीं। सिकंदार बेगम के बाद उनकी पुत्री शाहजहाँ ने भोपाल राज्य की बागडोर संभाली। अंतिम मुस्लिम महिला शासक उनकी पुत्री कैख़ूसरु बेगम थीं, जिन्होंने अपने पुत्र के लिए गद्दी त्याग दी। बेगमों के राज मे भोपाल राज्य को रेलवे, डाक-विभाग जैसे अनेक उपहार मिले। सन् 1903 मे नगर निगम का भी गठन हुआ।
[संपादित करें] भौगोलिक स्थिति
भोपाल भारत के मध्य भाग में स्थित है और इसके निर्देशांक 23.27º उ. एवं 77.4º पू. हैं। यह विंध्य पर्वत श्रंखला के पूर्व में है। भोपाल एक पहाड़ी इलाक़े पर स्थित है किंतु इसका तापमान अधिकतर गर्म रहता है। इसका भू-भाग ऊँचा-नीचा है एवं इसके दायरे मे कई छोटे पहाड़ हैं। उदाहरण के लिए श्यामला हिल, ईदगाह हिल, अरेरा हिल इत्यादि। यहाँ गर्मियाँ गर्म और सर्दियाँ सामान्य ठण्डी रहती हैं। बारिश का मौसम जून से ले के सितंबर-आक्टोबर तक रहता है और सामान्य वर्षा दर्ज की जाती है।
नगर निगम की सीमा 286 वर्ग कि. मी. है। शहरी सीमा के भीतर दो मानव निर्मित झीलें है जो संयुक्त रूप से भोज वेट लैंड के नाम से जानी जाती हैं। बड़ी झील राजा भोज द्वारा निर्मित करवाई गई थी जिसका कुल जल ग्रहण क्षेत्र 361 वर्ग कि. मी. है। छोटी झील का निर्माण छोटे ख़ान ने करवाया था और इसका जल ग्रहण क्षेत्र 9.6 वर्ग कि. मी. है।
[संपादित करें] यातायात
भोपाल काफ़ी तरीकों से देश से जुडा हुआ है।
[संपादित करें] रेल
भोपाल रेल द्वारा बडी आसानी से पहुँचा जा सकता है। दिल्ली-चेन्नई मेन लाइन में भोपाल स्टेशन पड़ता है। दिल्ली से रेल द्वारा ९-१२ घंटे लगते हैं।
[संपादित करें] हवाई यात्रा
दिल्ली और मुंबई से रोज भोपाल के लिये उडानें चलती हैं।
[संपादित करें] सडक यात्रा
भोपाल सडक द्वारा भी अच्छी तरह से जुडा हुआ है। सरकारी और निजी बसें भोपाल के लिये उपलब्ध हैं। इन्दौर के लिये बस की बहुत अच्छी और त्वरित सेवा उपलब्ध है।
[संपादित करें] पर्यटन
यहां का छोटा तालाब, बडा तालाब, भीम बैठका, अभयारण्य तथा भारत भवन देखने योग्य हैं| भोपाल के पास स्थित सांची का स्तूप भी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है।
[संपादित करें] यह भी देखें
- भोपाल गैस कांड
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