पद्मसर

विकिपीडिया, एक मुक्त ज्ञानकोष से

पद्मसर का एक दृष्य
पद्मसर का एक दृष्य

राजस्थान का जोधपुर नगर वर्षा के जल को संरक्षित कर पुनः प्रयोग में लाने वाले नगरों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। आधुनिक जोधपुर के निर्माता जोधाराव थे। नगर के लिए स्थान का चुनाव करते समय प्रमुख समस्या वर्षा के जल-संरक्षण के लिए कुशल रणनीति बनाने की थी। जोधाराव ने जोधपुर किले का पास एक सफल जल-संरक्षण प्रणाली का निर्माण करवाया। 1460 में रानी जसमेद ने रानीसर का निर्माण करवाया[१] और 1515 में सेठ बलदिया ने अपने पिता पदम की स्मृति में पद्मसर का निर्माण करवाया।[२] यह भी कहा जाता है कि पद्मसर का निर्माण गंगाराव की रानी पद्मिनी ने करवाया था जो मेवाड़ के राजा राणासांगा की पुत्री थी। [३]

पद्मसर का पानी स्थानीय लोग पीने के लिए प्रयोग में लाते थे। रानीसर का पानी भरकर ऊपर से बहता हुआ पद्मसर में जमा होता है।[४] रानीसर और पद्मसर साल भर पानी से भरे रहते हैं और गरमियों के दिनों में भी नहीं सूखते। सर का अर्थ सरोवर या तालाब होता है लेकिल ये सर इतने बड़े हैं कि झील की तरह दिखाई देते हैं।

[संपादित करें] संदर्भ

  1. Lakes in Jodhpur (अंग्रेज़ी) (एचटीएमएल)। इंडिया टूरिज़्म.कॉम। अभिगमन तिथि: 17 अगस्त, 2007
  2. Rainwater harvesting as an adaptation to climate change (अंग्रेज़ी) (पीडीएफ़)। ncdc.noaa.gov। अभिगमन तिथि: 17 अगस्त, 2007
  3. Jodhpur Travel Guide (अंग्रेज़ी) (एचटीएमएल)। राजस्थानटूरिज़्म.को.यूके। अभिगमन तिथि: 17 अगस्त, 2007
  4. The value of a raindrop (अंग्रेज़ी) (पीपीटी)। s3.amazonaws.com। अभिगमन तिथि: 17 अगस्त, 2007