बालुका स्तूप
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पवन द्वारा रेत एवं बालू के निक्षेप से निर्मित टीलों को बालुका स्तूप कहते हैं । इन स्तूपो के आकार में तथा स्वरुप में बहुत विविधता देखने को मिलती हैं । बालुका स्तूपो का निर्माण शुष्क तथा अर्धशुष्क भागों के अलावा सागर तटीय भागों, झीलों के रेतीलो तटों पर रेतीले प्रदेशों से होकर प्रवाहित होने वाली सरिताओं के बाढ़ जे क्षेत्रों में , प्लिस्टोसिन हिमानीक्रत क्षेत्रों की सीमा के पास रेतीले भागों में बालुका प्रस्तर वाले कुछ मैदानी भागों में जहां पर बालुका प्रस्तर से रेत अधिक मात्रा में सुलभ हो सके, आदि स्थानों में भी होता हैं ।
[संपादित करें] बालुका स्तुपो का बनना
- रेत कि अधिकता |
- तीव्र पवन वेग |
- पवन-मार्ग में अवरोध |
[संपादित करें] बालुका स्तुपो का वर्गिकरण
- बरखान|
- सीफ|
पवन द्वारा उत्पन्न स्थलाकृति | ![]() |
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अपरदनात्मक स्थलरुप इन्सेलबर्ग | छ्त्रक शिला | ज्यूजेन | पवन-वातायन | भूस्तम्भ | वातगर्त निक्षेपात्मक स्थलरुप |
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