मल-आयुर्वेद
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आयुर्वेद में मल के कई भेद हैं, लेकिन मुख्य रूप से तीन मल-भेदों का आंकलन करते हैं।
[संपादित करें] मल:पाखाना
वात प्रभावित मल:
पाखाना का रंग काला, पीला लिये हुये, रूखा, सूखा हआ गांठदार तथा कम मात्रा मे होता है।
पित्त प्रभावित मल:
पाखाना हरे, पीले रंग का पतला, अधिक मात्रा मे, गरम एवं बदबू वाला होता है।
मल का कम होना:
पेट में सूखापन तथा वायु के प्रकोप से आंतों में ऐंठन, छाती तथा पसलियों में दर्द, गुड़गुड़ाहट के साथ वायु का उपर की ओर चढ़कर पूरे पेट में , कमर में घूमना, सांस लेनें में तकलीफ
मल का बढ़ जाना:
पेट में तनाव, पेट में और कमर में दर्द, आंतों मे दर्द, गुड़गुड़ाहट, वायु का जोंरों से संचार, पेट में भारीपन,