नागरी संगम पत्रिका
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नागरी संगम, आचार्य विनोबा भावे की सत्प्रेरणा से स्थापित नागरी लिपि संगम की पुखपत्रिका है। यह वर्ष में चार बार प्रकाशित होती है।
अनुक्रमणिका |
[संपादित करें] कार्यालय
नागरी लिपि संगम का कार्यालय १९, गांघी स्मारक निधि, राजघाट, नयी दिल्ली - ११०००२ है।
[संपादित करें] नागरी लिपि परिषद के उद्देश्य
- देवनागरी लिपि के भारत में अधिकाधिक उपयोग के लिये जनजागृति पैदा करना।
- देवनागरी लिपि को भारत की सम्पर्क लिपि के रूप में प्रतिष्ठा के लिये आवश्यक उद्यम करना।
- भारत की लिपिविहीन भाषाओं/बोलियों के लिये नागरी लिपि अपनाये के लिये आवश्यक प्रयास करना।
- विश्व की अनेक भाषायें अत्यन्त अवैज्ञानिक लिपियों की सहायता से लिखी जाती हैं। उन भाषाओं के लिये देवनागरी लिपि अपनाने के लिये आवश्यक प्रचार करना एवम् जानकारी देना।
- देवनागरी लिपि को समय और तकनीकी आवश्यकताओं के हिसाब से उपयुक्त बनाये रखने के लिये उसमें आवश्यक परिवर्तन सुझाना।
- देवनागरी लिपि के प्रचार-प्रसार हेतु पत्रिका निकाला, गोष्ठियाँ आयोजित करना।
[संपादित करें] नागरी संगम से चुने हुए कुछ लेख
- नागरी संगम पत्रिका सम्पादकीय अप्रैल-जून-२००६