भूमंडलीय ऊष्मीकरण

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पृथ्वी के आस-पास के वायुमण्डल के सामान्य तापमान मे धीरे-धीरे वृधि हो रही हैं ।

अनुक्रमणिका

[संपादित करें] कारण

औद्योगीकरण व वनों के विनाश से पार्यावरण में कार्बन डाइ आक्साइड की मत्रा बढ़्ती जा रही हैं । बढ़ी हुई कार्बन डाइ आक्साइड ने ग्रीन हाउस प्रभाव को जन्म दिया । वायुमंडल में कार्बन डाइ आक्साइड की एक चादर जैसी परत बनी हैं जिसकी वजह से सूर्य के प्रकाश के साथ पृथ्वी पर आई इन्फ्रारेड रेडियों एक्टिव किरणे पूर्णतया वापस नही हो पाती और कार्बन डाइ आक्साइड में मिल जाती हैं । इस तापीय ऊर्जा के वायुमंडल मैं कैद हो जाने से धरती के औसत तापमान में बडोत्तरी होती हैं, जो भूमंडलीय ऊष्मीकरण का कारण बनती हैं । भूमंडलीय ऊष्मीकरण के लिए प्रमुख रुप से कार्बन डाइ आक्साइड गैस जिम्मेदार हैं परन्तु मिथेन, क्लोरोफ्लोरो कार्बन (सी. एफ.सी) तथा नाइट्रस आक्साइड भी इसके लिए जिम्मेदार हैं ।

[संपादित करें] तापमान में बदलाव

[संपादित करें] दुष्परिणाम

[संपादित करें] समाधान