मानव प्रजातियां
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प्रजाति का तात्पर्य वर्तमान मेधावी मानव की जीव वैज्ञानिक विशेषताओं के आधार पर उसके उस वर्गीकरण से हैं, जिसका प्रत्येक वर्ग वंशानुक्रम के द्वारा शारीरिक लक्षणों में पर्याप्त समानता रखता हैं । किसी प्रजातिय वर्ग जे सभी लोगों के बीच नस्ल या जन्मजात सम्बन्ध पाए जाते हैं और उनके द्वारा पीड़ी-दर-पीड़ी उनका वहन किया जाता हैं । प्रसिद्ध भूगोलवेत्ता क्रोबर के अनुसार "प्रजाति एक प्रमाणिक प्राणिशास्त्रीय अवधारणा हैं । यह एक समूह है जो वंशानुक्रमण, वश या प्रजातीय गुण अथवा उप-समुह के द्वारा जुडा होता हैं । यह सामाजिक -सांस्क्रतिक अवधारणा नही हैं ।"
[संपादित करें] प्रजाति की उत्पत्ति तथा विकास के कारक
- जलवायुविय परिवर्तन
- ग्रन्थि रसों का प्रभाव
[संपादित करें] प्रजाति निर्धारण के शारीरिक लक्षण
- त्वचा का रंग
- शरीर का कद
- मुखाक्रति
- बालो की बनावट
- सिर की बनावट अथवा कपाल सूचकांक
- नाक की आक्रति तथा नासिका सूचकांक
[संपादित करें] मानव प्रजातियों का वर्गिकरण
- मंगोलायड प्रकाति
- मलैनेशियन
- नीग्रोइड्स
- माइक्रोनेशियन
- कांगो बेसिन के पिग्मी
- आस्ट्रेलायड्रस
- एनु
- वेडायड
- हाटेन्टॉट्स
विश्व की मानव प्रजातियां | ![]() |
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मानव प्रजातियां | आस्ट्रेलायड्रस |एनु | कांगो बेसिन के पिग्मी | काकेसाइड या श्वेत प्रजाति | नीग्रोइड्स | मंगोलायड प्रजाति | मलैनेशियन | माइक्रोनेशियन | वेडायड | हाटेन्टॉट्स | | द्रविड़ प्रजाति | |
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